ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2014
1.
100 अरब डॉलर का निवेश भारत के दरवाजे पर
2.
मध्यप्रदेश ने किए 6.89 लाख करोड़ रूपये के निवेश समझौते
3.
17 लाख से अधिक लोगों को मध्यप्रदेश में रोजगार के अवसर
मिलेंगे
4.
देश के राज्यों में आगे निकला मध्यप्रदेश
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केन्द्र और राज्य में एक पार्टी की सरकार एक सुअवर
6.
निवेश को जमीन पर लाना एक बड़ी चुनौती
आज विश्व में किसी भी देश की अर्थव्यवस्था दिशा
के विपरित नहीं बह सकती। उसे अब पूंजीवाद के साथ ही शामिल होकर अपनी भूमिका तय
करनी होगी। चाहे राह में कितनी कठिनाईयां क्यों न हमें हर कदम फूंक-फूंक कर रखना
होगा। हां हॉल ही में जनसंख्या में सबसे बड़े साम्यवादी देश चीन के राष्ट्रपित चाऊ
एन लाऊ ने जरूर एक बड़ी रोचक टिप्पणी की। लाऊ ने कहा प्रजातंत्र का अंधानुकरण ठीक
नहीं।
ईराक, अफगानिस्तान, सीरिया, मिस्त्र सहित अरब के अन्य देशों में आए उथल-पुथल
का उदाहरण देकर उन्होंने अपनी बात को उचित ठहराया। सच-गलत जो भी हो लेकिन आज विश्व
में लोकतंत्र समर्थक देशों का बहुमत तो तिहाई से भी अधिक है। समय अनुसार हमें
बहुमत के साथ चलना होगा। पूंजीवाद के रास्ते ही सही लेकिन हमें हर देश से जुड़कर
विश्व अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धा में सबसे आगे निकलना होगा। उत्पादन बढ़ाकर हमारे
विकास के साथ-साथ बाजार तलाशकर उस पर अपना हक जमाना होगा।
भारत में वोटरों ने इस समस्या को हल करने की राह
आसान की। उसने विगत लोकसभा के आम चुनावों में एक राजनीतिक दल को रिकॉर्ड बहुमत देकर
गठबंधन की मजबूरी को दूर किया। समय की नब्ज को जानने वाले नरेन्द्र मोदी ने भी हिन्दुस्तान
के प्रधान मंत्री पर बैठते ही विश्व के देशों की ताबड़-तोड़ विदेश यात्रायें की। आज
नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से 100 अरब डॉलर का निवेश भारत के दरवाजे पर दस्तक दे
रहा है। प्रधान मंत्री मोदी ने भी साहसी आह्वान कर डाला। भारत के जिस राज्य में भी
जितना दम है उतना निवेश लेकर अपना कल्याण कर लें। इम मंगल काम में उनका राजनीति से
ऊपर उठकर हर प्रदेश को पूरा साथ है।
भारत के ह्रदय में बसने वाले मध्यप्रदेश के
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बिना समय गवांए अपने राज्य को देश की
अर्थव्यवस्था के ड्राइविंग सीट पर लाने 8, 9 और 10 अक्टूबर 2014 को इंदौर में
ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट कर डाली। शिवराज सिंह चौहान ने निवेश को आकर्षित करने के
मामलें में देश सभी 29 राज्यों को पीछे छोड़ दिया। उन्हीं के प्रयासों से आज
मध्यप्रदेश ने 6.89 लाख करोड़ रूपये के निवेश समझौते किए है। इससे आम आदमी की आय
बढ़ने से उसका जीवन खुशहाल होगा।
इसके साथ ही हर साल राज्य में 17 लाख लोगों को
रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। रिकॉर्ड उत्पादन को उपभोग के साथ निर्यात कर
मध्यप्रदेश देश ही नहीं विश्व के औधोगिक क्षेत्र में ऊंचाई के स्तर को छुएंगा। इस
पवित्र काम को पूरा करने शिवराज को उनकी ही पार्टी के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी
का पूरा साथ है। हमारे ऊर्जावान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं निवेश को
धरातल पर लाने निरंतर समीक्षा करेंगे। उन्होंने अपने काम को अंजाम तक पहुंचाने
निवेशकों के हित में कोई घोषणा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। शिवराज ने सभी
बाधाओं को दूर कर निवेशक की पहुंच सीधे मुख्यमंत्री तक बना दी है।
शिव और नरेन्द्र
के इन संयुक्त प्रयासों से प्रदेश में स्टील, फर्टीलाइजर, पेट्रोल, एनर्जी,
इंफ्राइंस्ट्रक्चर, उत्पादन, खेती, शिक्षा, हेल्थ, आईटी, पर्यटन, सहित रक्षा में
चार चांद लगकर मध्यप्रदेश का डिजिटल राजधानी बनेना का सपना पूरा होना बाकी है। मध्यप्रदेश
के पास राजनीतिक स्थिरता, ऊर्जावान खुले दिल का नेतृत्व, शांति, जगह और सस्ता श्रम
हैं। अब हमारा ये सपना अवस्य साकार होगा। भारत की तेज गति से रनअप कर
रही इस अर्थव्यवस्था में सबसे अधिक जोर मानव संसाधन तैयार करने कौशल प्रशिक्षण पर
दिया जा रहा है।
इन्हीं प्रक्षित हाथों की आज अधिक जरूरत है। स्कील डेवल्पमेंट के
जरिए ही सस्ते रास्ते सरलता से रोजगार प्राप्त किया जा सकता है। मेरा आम आदमी
विशेसकर मध्यम या गरीब लोगों से अनुरोध है कि अपने बच्चों को आईटीआई या अन्य किसी
स्कील डेवल्पमेंट प्रोग्राम की ट्रेनिंग देकर उन्हें काबिल बनाएं। इससे परिवार ही
नहीं घर, समाज, प्रदेश और आखिरकार राष्ट्र हित ही होगा।
(इदम् राष्ट्राय स्वा:, इदम् राष्ट्राय, इदम् न
मम्)
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