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Monday 10 February 2014

मध्यप्रदेश में जैव ऊर्जा का भविष्य

भारतीय जनता पार्टी, मध्यप्रदेश
जैव ऊर्जा प्रकोष्ठ
प्रदेश कार्य समिति बैठक, 6 फरवरी 2014
कार्य समिति प्रस्ताव
प्रदेश कार्य समिति विश्वासस व्यक्त करती है, कि भारतीय जनता पार्टी देश का एकमात्र ऐसा राजनीतिक संगठन है जिसकी अपनी एक जन अभिमुख कार्यशैली है। यही वो बात है जो हमकों अन्यों से अलग पहचान देकर और स्थायी की विस्तार की ओर ले जाती है। भारतीय जनता पार्टी संगठन अपनी रीति-नीति के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ ज्वलंत समस्याओं से सरोकार रखने वाली योजनाओं को भी अंतिम व्यक्ति तक ले जाने में सरकार के साथ सहज प्रयास करता है। संगठन की इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए जैव ऊर्जा विकास प्रकोष्ठ वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों के लिए किये जा रहें सरकारी प्रयासों को जनता के हर तबके तक पहुंचाने के लिए गंभीर प्रयास कर अपने दायित्व को आकार देने में विश्वास व्यक्त करता है। इससे परंपरागत ऊर्जा संसाधनों जैसे कोयला, पेट्रोल और लकड़ी के घटते भंडारों के भावी संकट से निपटा जा सकेंगा। मध्यप्रदेश सरकार वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों के विकास पर मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम के माध्यम से पूरे प्रदेश में गहन वैकल्पिक ऊर्जा विकास के कार्यक्रम चला रही है। जैव ऊर्जा विकास प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्य समिति मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम के साथ समन्वय बिठाकर अपने उद्देश्य को आकार देने का संकल्प व्यक्त करती है।
वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों में जैव ऊर्जा (बायोमास ऊर्जा) के संसाधनों के मामले में मध्यप्रदेश अपने भीतर अपार संभावनाएं समेटे हुए है। मध्यप्रदेश पशु संसाधनों के हिसाब से देश के अग्रनी राज्यों में शामिल है। प्रदेश में पशुओं की संख्या 3 करोड़ 40 लाख से ऊपर है, जो प्रदेश की मानवीय जनसंख्या के लगभग आधी है। प्रदेश में मौजूद इस पशुधन से प्राप्त गोबर और पोल्ट्री फॉर्मों व सुअर बाड़ों से प्राप्त पशु विष्टा से ही अकेले 77 प्रतिशत प्रदेश के ग्रमीण अंचल की विद्युत आपूर्ती की जा सकती है। बस आवश्यकता है इसके पर्याप्त दोहन को दिशा देकर कार्यक्रम को एक आन्दोलन के तौर चलाने की। जैव ऊर्जा का उत्पादन एक बहुआयामी लाभ वाला है। इससे एक ओर सस्ती बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था होती है तो दूसरी ओर जैविक खाद मिलने के साथ-साथ पर्यावरण को भी हानि से बचाया जा सकता है। मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम गोबर गैस प्लांट लगाने के लिए अनुदान देकर अनेक प्रोत्साहन योजनाएं चला रहा है। भोपाल के भदभदा रोड स्थित शासकीय पशुपालन केन्द्र में एक मॉडल बायोगैस प्लांट विकसित किया गया है।
पशु विष्टा के अलावा मध्यप्रदेश वनस्पति बायोमास के लिहाज से भी एक समृद्ध राज्य है। मध्यप्रदेश एक सोयाबीन राज्य होने के नाते प्रदेश में सोयाबीन की भूसी बायोमास के तौर पर हमें एक बड़ा संसाधन उपलब्ध कराती है। निगम के सहयोग से मध्यप्रदेश में भूसी आधारित विद्युत प्लांट जदुखेड़ा जिला धार में लगाया गया है। निगम के प्रयासों से बैतूल जिले के ग्राम कसई को बायोमास से बिजली उत्पन्न करने वाला देश का पहला गांव बनेने का गौरव हांसिल हुआ है। मध्यप्रदेश में जट्रोफा से बायो फ्यूल बनाने का 10 किलोवाट का प्लांट बांसगढ़ी जिला मंडला में लगाया गया है। 
भारत में वनों की दृष्टि से मध्यप्रदेश पहले स्थान पर है। प्रदेश के लगभग 31.1 फीसदी क्षेत्रफल पर वन है। प्रदेश के वन क्षेत्र में अधिक जैव ऊर्जा देने वाली झाड़ियों को रोपित कर ( ऊर्जा की खेती) बायोमास के संसाधन को बढ़ाया जा सकता है। जल कुम्भी भी जैव ऊर्जा के उत्पादन के लिए बायोमास उपलब्ध कराने में एक अहम रोल अदा कर सकती है। बस आवश्यकता है इसका एकत्रीकरण कर उपयोग करने की। उत्तरी मध्यप्रदेश अर्थात् मध्यभारत के ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना और श्योपुर कला जिलों में गन्ने की खेती का केन्द्रीयकरण है। यहां गन्ने की खोई को बायोमास के तौर पर वृहत स्तर पर उपयोग कर जैव ऊर्जा का उत्पादन किया जा सकता है। ग्वालियर और मुरैना में गन्ने की बगास अर्थात् गन्ने की खोई से बिजली उत्पादन किया जा रहा है।
शहरी कचरा और नगरीय क्षेत्रों में मानवीय मल-मूत्र भी बायोमास की संभावनाएं खोलता है। प्रदेश में शहरी कचरे से बिजली बनाने का एकमात्र प्लांट भोपाल में है। इनके प्लांटों की संख्या और लगाकर जैव ऊर्जा के दोहन की पहल बड़े पैमाने पर की जा सकती है।
जैव ऊर्जा विकास प्रकोष्ठ के कार्यों का विस्तार करके वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा के प्रचार-प्रसार तक किया जाय तो अच्छा रहेगा। इनकी प्रदेश में अधिकतम संभावनाएं है। पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा के संसाधनों के विकास के लिए मध्यप्रदेश एक आन्दोलनात्मक पहल कर रही है। जिसके अच्छे परिणाम भी आ रहे है। उत्तर-पश्चिमी मध्यप्रदेश के जिले- मंदसौर, नीमच, रतलाम, देवास और इंदौर में जहां वायु गति की गति 12 किमी प्रति घंटे से अधिक है, पवन ऊर्जा की अच्छी संभावनाएं है। इन जिलों मध्यप्रदेश सरकार के प्रयासों से पवन ऊर्जा का लोग बड़े पैमाने पर उपयोग कर रहे है।
 मध्यप्रदेश सरकार के इन्हीं गंभीर प्रयासों के कारण आज मध्यप्रदेश पवन ऊर्जा का दोहन करने वाले राज्यों में देश में पहले स्थान पर है। प्रदेश में पवन ऊर्जा का उपयोग किसान बिजली बनाने और सिंचाई के लिए कर रहे है। इंदौर प्रदेश में सबसे अधिक पवन चक्कियां उपयोग करने वाला जिला बन गया है। देश की पहली संयुक्त क्षेत्र की कंपनी मध्यप्रदेश विण्ड फॉर्म मध्यप्रदेश में गठित की गई है। निगम के प्रयासों से गुना और मंदसौर जिलों में विण्ड मॉनिटरिंग कार्यक्रम विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। निगम के सहयोग से मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा पवन ऊर्जा क्षेत्र देवास जिले के जामगोदरानी क्षेत्र स्थापित किया गया है।  
सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित करने के लिए मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम वित्तीय और तकनीकी मदद देने के साथ-साथ अनुदान भी दे रहा है। जिसके अच्छे परिणाम सामने आये है। सोलर फोटो वोल्टिक प्लांटों से 300 वाट तक बिजली प्राप्त की जा सकती है। सौर तापीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम सोलर कुकर को प्रोत्साहन देने एक आंदोलन के तौर चला रहा है। सोलर ऊर्जा से डिस्टिल वाटर और सार्वजनिक स्थानों-संस्थाओं में स्नान करने प्लांट लगाने का भी काम तेज गति से कर रही है। अनेक सौर ऊर्जा ग्राम स्थापित किए जा रहे हैं। निगम की सहायता से विश्व का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा प्लांट इटारसी में लगाया गया है। नरसिंहगढ़ में भी एक बड़ा सौर ऊर्जा प्लांट बिजली उत्पादन कर रहा है। इसके अतिरिक्त निजी क्षेत्र में अनेकों सौर ऊर्जा प्लांट काम कर रहे है। निगम के प्रयासों से आदिवासी जिले झाबुआ और अलीराजपुर में सबसे अधिक सौर ऊर्जा का उपयोग किया जा रहा है। निगम के सहयोग से इंदौर जिले के कस्तूरबा ग्राम को पूरी तरह सौर ऊर्जा पर निर्भर गांव बनाया जा रहा है। निगम के ही सहयोग से ही भोपाल में सौर ऊर्जा आधारित कोल्ड स्टोर लगाया जा रहा है।
वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों के भोपाल में वैकल्पिक विद्युत ऊर्जा अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया गया है। प्रशासनिक अकादमी भोपाल, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर और अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान संस्थान महू में वैकल्पिक ऊर्जा उद्यान अनुसंधान और विकास केन्द्र स्थापित किये गये हैं।ग्रामीण अंचल की महिलाओं को धुंए के चूल्हों से होने वाली स्वास्थ्य की हानि से बचाने के लिए मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम उन्नत चूल्हा कार्यक्रम चला रहा है।
जैव ऊर्जा विकास प्रकोष्ठ प्रदेश में मौजूद इन्ही अपार संभावनाओं के मद्देनजर प्रदेश के ग्रमीण अंचल में जैव ऊर्जा को बढ़ावा और प्रोत्साहन देने के लिए एक मित्र और मार्ग दर्शक के तौर पर सरकार और जनता के बीच एक समन्वयक की भूमिका निभाने का संकल्प व्यक्त करता है।
जैव ऊर्जा विकास प्रकोष्ठ प्रदेश सरकार के अटल ज्योति अभियान में अपनी भागीदारी का संकल्प व्यक्त करती है। जैव ऊर्जा विकास प्रकोष्ठ हमारे लोकप्रिय मुख्यमंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का ही नतीजा है, आज प्रदेश के ग्रमीण अंचल को 24 घंटे बिजली मिल रही है और किसानों को दस घंटे सिंचाई के लिए भरपूर बिजली मिल रही है। इसमें कोई संदेह नहीं कि बिजली किसी देश या प्रदेश की अर्थव्यवस्था की धमनियों में बहने वाले जीवन रक्त (लाइफ ब्लड) के समान है।
 शिवराज सिंह चौहान सरकार के गंभीर प्रयासों का ही नतीजा है। आज मध्यप्रदेश एक बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकल एक प्रगतिशील जुझारू राज्य बन गया है। मध्यप्रदेश आज औधौगिक रूप से विकसित राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु जैसे राज्यों के साथ कदम ताल करते हुए एक सुचारू राज्य बनने की ओर अपने तेज कदम बढ़ा रहा है। भाजपा सरकार के ही समन्वित गंभीर प्रयासों का नतीजा है। आज मध्य प्रदेश की आर्थिक वृद्धि दर (सकल घरेलू उत्पाद की) 10.2 प्रतिशत को छू रही है। जैव ऊर्जा विकास प्रकोष्ठ की प्रदेश कार्य समिति मप्र सरकार की इन्हीं लोकप्रिय नीतियों की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाने का संकल्प व्यक्त करती है।



प्रस्तावक-                        अनुमोदक-
1. नाम, पद और हस्ताक्षर                                1. नाम, पद और हस्ताक्षर
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2. नाम, पद और हस्ताक्षर                          2. नाम, पद और हस्ताक्षर
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भारतीय जनता पार्टी, मध्यप्रदेश
जैव ऊर्जा प्रकोष्ठ
प्रदेश कार्य समिति बैठक, 6 फरवरी 2014
:: कार्यक्रम व्यवस्था ::
पहला सत्र -

1.     संचालन-    दिनेश साहू, प्रदेश कार्यालय मंत्री, जैव ऊर्जा प्रकोष्ठ, मप्र
2.    दीप प्रज्जवलन- माननीय प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर जी, माननीय संगठन महामंत्री
            अरविन्द मेनन जी और मप्र ऊर्जी विकास निगम के अध्यक्ष विजेन्द्र सिंह सिसौदिया द्वारा
3.    स्वागत-     मुख्य अतिथियों का स्वागत
dinesh sahu
4.    प्रदेश संयोजक, जैव ऊर्जा प्रकोष्ठ, शैलेष केसरवानी जी का उदबोधन - प्रकोष्ठ की कार्य
            योजना, जिला संयोजकों को प्रकोष्ठ की जिला कार्य समितियों के गठन पर मार्ग दर्शन और
            बैठक में रखे जाने वाले कार्य समिति प्रस्ताव को प्रस्तुत करवाना
5.    कार्य समिति प्रस्ताव का प्रस्तुतिकरण - दो सदस्यों द्वारा प्रस्तुत, नाम और पद सहित
            हस्ताक्षर
6.        मप्र ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष, माननीय विजेन्द्र सिंह सिसौदिया जी का उदबोधन- निगम             की सरकारी योजनाओं की जानकारी और उनसे कैसे जनता को लाभ पहुंचाया जा सकता है।


7. भोजन अवकाश

दूसरा सत्र

8.        कार्य समिति प्रस्ताव पारित करवाना- दो सदस्यों के द्वारा समर्थन करवाकर, नाम और पद
            सहित हस्ताक्षर
9.        माननीय संगठन महामंत्री, अरविन्द मेनन जी का मार्गदर्शन
10.      समापन उदबोधन- भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष माननीय नरेन्द्र सिंह तोमर जी
            द्वारा इदम राष्ट्राय स्वा: , इदम राष्ट्राय, इदम न मम् !


  

  To ....................................
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         बंधुवर...! आपको जिला अध्यक्ष के अनुमोदन के उपरांत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष माननीय नरेन्द्र सिंह तोमर जी और प्रदेश संगठन महामंत्री माननीय अरविन्द मेनन जी की सहमति से भाजपा जैव ऊर्जा प्रकोष्ठ मध्यप्रदेश का....................................
नियुक्त किया गया है।
आशा है आप पार्टी की रीति-नीति और विचारधारा के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ प्रकोष्ठ के कार्यों को जन-जन तक ले जाने में अपने दायित्व का निर्वहन निष्ठापूर्वक प्रतिबद्धता के साथ करेंगे।
             सधन्यवाद......!
                                   भवदीय

                               शैलेष केशरवानी
                                                   प्रदेश संयोजक, जैव ऊर्जा प्रकोष्ठ