आज लोकतांत्रिक सरकारें अपने आप को अधिक से अधिक जन हितैषी कहलाने की प्रतिस्पर्धा में लगी हुई हैं। वो अधिक से अधिक लोक कल्याण के कार्य अपने हाथ में ले रही हैं। सभी राजनीतिक दल इसी आधार पर आपस में जोर-आजमाइश कर सत्ता की बागडौर अपने हाथ में लेने के भरसक प्रयास कर रहे हैं। जनता ने भी अपनी सारी जिम्मेवारी इन पार्टियों पर डाल रखी हैं। जनता भी अब छोटे से छोटे काम के लिए उनकी चुनी हुई सरकारों की ओर एक टक आशा लगाएं बैठी रहती हैं।
जनता
जनार्दन के लोकमत के बिना कोई भी व्यक्ति या विचारधारा शासन में नहीं आ सकती। अपने
इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ती के लिए राजनीतिक यात्राएं करने की परंपरा रही है। बस
केवल अब इनका स्वरूप बदल गया है। पहले ये यात्राएं या तो व्यवस्था बदलने के लिए
होती थी, या गुलामी की बेड़ियों से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए होती थी। लेकिन
अब ये यात्राएं सत्ता पाने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से संविधान के दायरें में
होती है। वहीं पहले ये यात्राएं जनता के साथ पैदल चलकर उनसे रूबरू होते हुए होती
थी। लेकिन अब यात्राओं ने हाईटैक रूप ले लिया है। जनता और शासक के बीच की दूरी को
बढ़ा दिया है। जिससे जन समस्याएं सीधे-सीधे नेता की नजर में आने से ओझल बनी रहती
हैं। साथ ही शासक का प्रजा से भावनात्मक अपनत्व का दायरा सिकुड़ता जाता है।
मध्यप्रदेश की बीजेपी ईकाई ने प्रदेश में तीसरी
बार अपनी विजय पताका फहराने के लिए जन आशिर्वाद यात्रा निकाली है। इस यात्रा की
अगुवाई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह कर रहे है। यात्रा को पूरे प्रदेश में भारी समर्थन
मिल रहा है। सबसे पहले इसका श्रेय नेतृत्व के विनम्र व्यक्तित्व को जाता है। जो
नेता और लोकतंत्र की पहली आवश्यकता होती है। दूसरी ओर लाड़ली लक्ष्मी, मुख्यमंत्री
कन्यादान, तीर्थ दर्शन जैसी योजनाओं ने आम लोगों के दिलों को छू लिया है। अर्थव्यवस्था
की धमनियों में बहने वाली बिजली पर्याप्त मात्रा में प्रदेशवासियों को मिल रही है।
विकास धरातल पर आकार लेता लोगों को दिख रहा है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय के
अन्त्योदय के विचार ने गरीबों के घरों तक पहुंच बना ली है। अब उन्हें स्वास्थ्य और
सुबह-शाम के भोजन की चिंता करने वाला कोई नजर आने लगा है। अटल बिहारी बाजपेयी की
प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना ने ग्रामीणों को रफ्तार दे दी है। सिंचाई रकबा
दिनो-दिन बढ़ रहा है। नदियों को जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी योजना प्रदेश में आकार
ले रही है। सायरन बजाती हुई 108 एम्बुलैंस संकट के समय लोगों के कानों में सुनाई
दे रही है। गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों में वितरित होती स्कालशिप ने माता-पिता
के चेहरों पर खुशी बिखेर दी है। प्रदेश में उच्च, तकनीकी, स्वास्थ्य और प्रबंध की
शिक्षा सभी के लिए सुलभ हो गई है। प्रदेश में बीजेपी के लिए तीसरी बार सत्ता में
आने के लिए रास्ता साफ होता दिखने के पीछे वे अन्य तमाम लोक कल्याणकारी योजनाएं
है। जिन्होंने लोगों के दिलों में घर बना लिया है। साथ ही इस सफलता की तह में
पार्टी संगठन की विशिष्ठ कार्यशैली भी है जो मूर्त रूप ले रही है।
जो बीजेपी को
लगातार सफलता की ओर ले जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नेतृत्व में निकाली
गई जन आशिर्वाद यात्रा आज लोकतंत्र की पहचान बन गई है। उनका सबकों साथ लेकर चलने
वाला विनम्र व्यक्तित्व इसका दायरा और बढ़ा रहा है। उनका ऊर्जावान युवा नेतृत्व
इसके लिए पसीना बहा रहा है। उन्होंने अपनी संयमित वाकपटुता से सबका दिल जीत लिया
है। इस योग्यतम नेतृत्व के बलबूते पर प्रदेश में योजनाएं क्रियान्वित होकर आकार ले
रही है। अब इन सबके चलते यदि बीजेपी तीसरी बार सत्ता मे आती है, तो आश्चर्य में
डालने जैसी कोई बात नहीं होगी।
(इदम् राष्ट्राय स्वा:, इदम् राष्ट्राय, इदम् न मम्)
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