कुशाभाऊ ठाकरे के सामाजिक संबंधों का प्रबंधन भी अद्वितीय था उनसे मिलने आने वाले प्रदेशभर के कार्यकर्ता उनके अन्नपूर्णा भोजनालय में भोजन पाकर तृप्त होते और पार्टी के कार्यों को आगे बढ़ाते भोजनालय का प्रबंधन और देखरेख उनके मॉल मौन साधक बापूजी करते थे एक परम भक्त सेवक के रूप में हनुमान बनकर अपने बड़े भाई कुशाभाऊ ठाकरे जी की सेवा उनके छोटे भाई जयंत ठाकरे जी आजीवन करते रहे दोनों भाइयों का संबंध जीवन बिल्कुल बिना किसी लाभ की आशा के पूरी तरह निस्वार्थ राम लक्ष्मण की तरह था
नर सेवा को नारायण सेवा मानने वाले प्रखर राष्ट्रवादी कुशाभाऊ ठाकरे के आदर्शों सिद्धांतों और विचारों को मूर्त रूप देते हुए आज मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सरकार दो दशक पूरा करने जा रही है मध्य प्रदेश को विका
जनमानस के बीच सादा सरल और स्वच्छ चरैवेति चरैवेति का खाटी जीवन जीने वाले महान व्यक्तित्व के धनी कुशाभाऊ ठाकरे जी का 28 दिसंबर 2003 को निधन हो गया ठाकरे जी की आत्मा ब्रह्मलीन हो गई और वह हमारे बीच से चले गए
इस जन्म शताब्दी वर्ष में हम सभी अपनी निष्पक्ष छवि और मेहनत के बल पर मध्य प्रदेश में भाजपा को गढ़ने वाले और अटल बिहारी वाजपेई जैसे प्रभावशाली प्रधानमंत्री के काल में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद तक पहुंचने वाले इस महान व्यक्तित्व के धनी कुशाभाऊ ठाकरे जी की मूल्य वादी जीवन शैली को अपने जीवन में अपनाकर अपने जीवन को लोक कल्याण का जीवन अर्थ दे सकते हैं यही हमारी ठाकरे जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि कृतज्ञता होगी
कुशाभाऊ ठाकरे अमर रहे अमर रहे
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